मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड

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मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (Mithun Chakraborty to receive Dadasaheb Phalke Award):

भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award), से इस साल मिथुन चक्रवर्ती (74) को सम्मानित किया जाएगा। 8 अक्टूबर को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इसकी घोषणा करते हुए कहा-

"मिथुन दा का फिल्मी सफर बेहद प्रेरणादायक है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बना रहेगा।" 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मिथुन को बधाई देते हुए लिखा-

"मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) एक सांस्कृतिक आइकन हैं, उनकी बहुमुखी प्रतिभा का हमेशा सम्मान किया गया है।"

मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) ने 26 साल की उम्र में अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की और अपनी पहली ही फिल्म 'मृगया' (1976) के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता। इसके बाद, उन्होंने 'तहादेर कथा' (बांग्ला) और 'स्वामी विवेकानंद' जैसी फिल्मों के लिए भी नेशनल अवॉर्ड जीते। 'डिस्को डांसर' में उनकी भूमिका ने उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता दिलाई। उनकी अन्य प्रमुख फिल्मों में 'कसम पैदा करने वाले की', 'प्यार झुकता नहीं', 'गुलामी', 'दाता' आदि शामिल हैं।

Mithun Chakraborty to receive Dadasaheb Phalke Award
Mithun Chakraborty to receive Dadasaheb Phalke Award

  • फाल्के अवॉर्ड सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
  • मिथुन चक्रवर्ती 70वें राष्टीय फिल्म पुरस्कार समारोह में होंगे सम्मानित
  • मिथुन 48 साल के कॅरियर में जीत चुके हैं तीन नेशनल अवॉर्ड

मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) की सफलता में उनकी अनोखी नृत्य शैली और संवाद अदायगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 1989 की फिल्म 'गुलामी' में उनका प्रसिद्ध संवाद "कोई शक?" आज भी लोगों की जुबान पर है, और यह लोकप्रियता का ऐसा रिकॉर्ड है जो अब तक नहीं टूटा।

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